सपनों की सजीली चुनरिया, मेहंदी से रंगीले बूटे,
तेरे प्यार बिना सब झूठे -२
पांओं की झनकती झांझर , हाथों के खनकते कंगन ,
तेरा रास्ता देखे साजन -२
मेरी बाहों में हर पल बहारों के मौसम हैं ,
बूँद न बादल कोई, फिर क्यों आँखें नम है ?
मेरी सिन्दूर की लाली, अब नहीं ये मिटने वाली ,
कह रही हर धड़कन , सात जन्मों तक साजन , बनूँ मैं तेरी दुल्हन ....
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Wednesday, October 22, 2008
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