कई नाम हैं इसके दुनिया में कई रूप में इसको देखा है,
जीवन की सुबह में देखा है, जीवन की शाम में देखा है ....
अच्छे कर्मों के बीज यही अपने बच्चों में बोती है ,
उनके आने वाले कल की बुनियाद यही तो होती है ,
माँ से ये सृष्टि चलती है , सृष्टि का माँ से नाता है,
क्या अर्थ है नारी होने का, माँ बन के समझ में आता है ,
बालों में चांदी बिखर गई , कुछ धुंधली सी हो गई नज़र,
धीरज से जीवन जीने का संतोष मगर है चेहरे पर,
दिन यूँ ही आते जाते हैं, रिश्तों के रंग बदलते हैं,
इन दो उजले नैनों में , विश्वास के दीपक जलते हैं
कई नाम हैं इसके दुनिया में कई रूप में इसको देखा है,
जीवन की सुबह में देखा है, जीवन की शाम में देखा है ....
Wednesday, October 22, 2008
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