Thursday, January 8, 2009

ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा

ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा

इस रात की तक़दीर सँवर जाए तो अच्छा

ये ज़ुल्फ़ ...

जिस तरह से थोड़ी सी तेरे साथ कटी है

बाक़ी भी उसी तरह गुज़र जाए तो अच्छा

ये ज़ुल्फ़ ...

दुनिया की निगाहों में बुरा क्या है भला क्या

ये बोझ अगर दिल से उतर जाए तो अच्छा

ये ज़ुल्फ़ ...

वैसे तो तुम्हीं ने मुझे बर्बाद किया है

इल्ज़ाम किसी और पे आ जाए तो अच्छा

ये ज़ुल्फ़ ...

-साहिर

ये मत सोचो कल क्या होगा

एक थी लड़की मेरी सहेली

साथ पली और साथ ही खेली

फूलों जैसे गाल थे उसके

रेशम जैसे बाल थे उसके

हम उसको गुड़िया कहते थे

रंगों की पुड़िया कहते थे

सारी थी मुझे प्यारी थी वो

नन्हीं राजकुलारी थी वो

एक दिन उसने भोलेपन से

पूछा ये पापा से जा के

अब मैं ख़ुश रहती हूँ जैसे

सदा ही क्या ख़ुश रहूँगी ऐसे

पापा बोले मेरी बच्ची

बात बताऊँ तुझ को सच्ची

कल की बात ना कोई जाने

कहते हैं ये सभी सियाने

( ये मत सोचो कल क्या होगा

जो भी होगा अच्छा होगा ) -२

बचपन बीता आई जवानी

लड़की बन गई रूप की रानी

college में इठलाती फिरती

बल खाती लहराती फिरती

एक सुन्दर चंचल लड़के ने

छुप-छुप कर चुपके-चुपके से

लड़की की तस्वीर बनाई

और ये कह कर उसे दिखाई

इस पर अपना नाम तो लिख दो

छोटा सा पैग़ाम तो लिख दो

लड़की पहले तो शरमाई

फिर मन ही मन में मुस्काई

इक दिन उसने भोलेपन से

पूछा ये अपने साजन से

अब मैं ख़ुश रहती हूँ जैसे

सदा ही क्या ख़ुश रहूँगी ऐसे

उसने कहा की मेरी रानी

इतनी बात है मैने जानी

कल की बात ना कोई जाने

कहते हैं ये सभी सियाने

( ये मत सोचो कल क्या होगा

जो भी होगा अच्छा होगा ) -३ ँ हूँ -२

इक परदेसी दूर से आया

लड़की पर हक़ अपना जताया

घर वालों ने हामी भर दी

परदेसी की मरज़ी कर दी

प्यार के वादे हुये ना पूरे

रह गये सारे ख़ाब अधूरे

छोड़ के साथी और हमसाये

चल दी लड़की देस पराये

दो बाँहों के हार ने रोका

वादों की दीवार ने रोका

घायल दिल का प्यार पुकारा

आँचल का हर तार पुकारा

पर लड़की कुछ मुँह से ना बोली

पत्थर बन कर ग़ैर की हो ली

अब गुमसुम हैरान सी है वो

मुझसे भी अनजान सी है वो

जब भी देखो चुप रहती है

कहती है तो ये कहती है

कल की बात ना कोई जाने

कहते हैं ये सभी सियाने

( ये मत सोचो कल क्या होगा

जो भी होगा अच्छा होगा ) -३

--साहिर, गुमराह, १९६३

Wednesday, October 22, 2008

Title song of "Banoo main teri dulhan"

सपनों की सजीली चुनरिया, मेहंदी से रंगीले बूटे,
तेरे प्यार बिना सब झूठे -२
पांओं की झनकती झांझर , हाथों के खनकते कंगन ,
तेरा रास्ता देखे साजन -२

मेरी बाहों में हर पल बहारों के मौसम हैं ,
बूँद न बादल कोई, फिर क्यों आँखें नम है ?
मेरी सिन्दूर की लाली, अब नहीं ये मिटने वाली ,
कह रही हर धड़कन , सात जन्मों तक साजन , बनूँ मैं तेरी दुल्हन ....

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Title songs of SRGMP, kasam se, saat phere

सारे सुरों का है ये ही मिलन , गीतों से महका है सारा चमन ,
अपने होठों पे नगमे सजाये हुए ,
आओ सब मिल गायें, सारेगामापा ..

मुस्कुराके जीवन , छेड़ प्यार की धुन ,
नए नए सपने आंखों में बुन ,
आशा की किरण कहती हमसे, कसम से ...

वक्त के साथ जाने कितने ही मोड़ आते हैं ... सात फेरों में..
रंग जितने हैं जिंदगानी के, सब समाते हैं...सात फेरों में..

Title song of "Jassi jaisi koi nahin !"

एक लड़की है, आसमां के नीचे,
सब बातों में आगे , रूप रंग में पीछे,
दुनिया तो उसकी हँसी उडाये ,
पर वो सबसे कहती जाए ,
हम जैसे लाखों हैं , पर जस्सी जैसी कोई नहीं !
एक दिन फिर ऐसा आएगा ,
सारा जहाँ फिर उससे कहेगा ,
हम जैसे लाखों हैं , पर जस्सी जैसी कोई नहीं ...

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Title song of "Ye Meri life hai !"

छोटे छोटे सपनों के पर निकलने लगे हैं ,
हम आज कल चाँद पर उतरने लगे हैं ,
उड़ते हैं उड़ जाने दो, पैरों तले हमें लाने दो ,
ये नीला नीला सा आसमां,

ये मेरी लाइफ है , मुझे जीने दो,
ये मीठी मीठी धुन मेरे दिल को भी गुनगुनाने दो ,
ये मेरी लाइफ !

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Title song of "Kahani ghar ghar ki !"

रिश्तों की पूजा जहाँ हो,
आदर बड़ों का जहाँ हो,
भीगे जो ममता का आँचल,
आंसू बने गंगा जल ,

हँसना हँसाना है , रोना रुलाना है,
खोना है पाना है, फिर मुस्कुराना है,
कहानी हर घर की, कहानी घर घर की !

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